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मेरा नाम नैना है मैं पटना की रहने वाली हूं मैं शादीशुदा हूं। मेरे पति का नाम सचिन है हमारी शादी को 2 साल हो चुके हैं। हम दोनों शादी के बाद कोलकाता में शिफ्ट हो गए थे। मेरी और सचिन की मुलाकात एक शॉप पर हुई थी उस दिन सचिन कुछ सामान खरीदने शॉप पर आया हुआ था। सचिन के साथ एक बुजुर्ग थे। मैं भी उसी शॉप पर सामान खरीदने जा रही थी। सचिन उन बुजुर्ग का सामान लेते हुए बाहर की ओर आ रहा था पीछे से बुजुर्ग सचिन को आवाज दे रहे थे। मुझे लगा सचिन उनका सामान चोरी करके भाग रहा है। मैं फटाफट से सचिन के पास गई और उससे सामान छीनने के बाद उसे खूब डांटा। उसे में अनाप-शनाप बोलती गई लेकिन उसने कुछ नहीं बोला। वह बोलता भी कैसे मैंने उसे बोलने का मौका ही नहीं दिया। वह कुछ बोलता उससे पहले मैं ही उसे डांटने लग गई थी।
थोड़ी देर में वह बुजुर्ग आए मैंने उन्हें उनका सामान दिया और कहा कि यह आपका सामान लेकर भाग रहा था। उन्होंने मुझसे कहा कि यह मेरा सामान लेकर भाग नहीं रहा था बल्कि मुझे बाहर तक छोड़ रहा था। मैंने कहा तो फिर आप पीछे से इसे आवाज़ क्यों लगा रहे थे। उन्होंने कहा मैं इससे यह कह रहा था कि इतना सारा सामान तुम नहीं ले जा पाओगे थोड़ा मेरे पास दे दो। लेकिन वह मेरा पूरा सामान लेकर मुझे गाड़ी तक छोड़ने जा रहा था। मैंने यह सब सुना और उससे सॉरी बोलने के लिए उसकी तरफ बढी लेकिन वह मेरे बोलने से पहले ही वहां से चला गया। मैंने उसके पीछे जाने की कोशिश की लेकिन वह गाड़ी में बैठा और निकल गया। मुझे बहुत बुरा लगा कि मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसे कितना कुछ सुना दिया। लेकिन उसने एक शब्द भी नहीं बोला अब मैं सोचने लगी कि जब मैं अगली बार उसे मिलूंगी तब मैं उससे माफी मांगूंगी।
मैं दूसरे दिन आकर उसी शॉप के बाहर खड़ी हो गई। मैंने सोचा वह आएगा लेकिन वह आया ही नहीं मुझे उस समय उसका नाम भी पता नहीं था। मैं दो तीन दिन लगातार उसी शॉप के पास उसका इंतजार करती रही लेकिन वह तब भी मुझे नहीं मिला।
एक दिन अचानक वह मुझे मेरे दोस्त के साथ आते हुए दिखा। मैं जल्दी से उसके सामने गई और उसे सॉरी बोला। उसने बोला सॉरी किस लिए मैंने कहा कि उस दिन मैंने तुम्हें बिना कुछ सोचे समझे ही ज्यादा बोल दिया था इसलिए मैं तुम्हें सॉरी बोल रही हूं। उसने कहा कि इस बात को तो कितने दिन हो गए हैं और अब तक तो मैं इस बात को भूल भी गया हूं। फिर मैंने उसे अपना नाम बताया उसके बाद उसने भी अपना नाम बताया। उसी दिन मुझे उसका नाम पता लगा इसी तरह हमारी धीरे-धीरे बाते बढ़ने लगी थी। दूसरे दिन वह मुझे फिर मिला। उस दिन मैं कॉलेज जा रही थी और बस का इंतजार कर रही थी। तब तक अचानक वह मुझे मिल गया उसने अपनी गाड़ी रोकी और मुझसे कहा कि तुम कहां जा रहे हो। मैंने कहा मैं कॉलेज जा रही हूं और बस का इंतजार कर रही हूं। फिर उसने कहा कि आओ मैं तुम्हें कॉलेज तक छोड़ देता हूं। उसके बाद उसी ने मुझे कॉलेज तक छोड़ा कॉलेज तक जाते जाते हम दोनों ने एक दूसरे के नंबर लिए और बातें करने लग गए। कुछ दिनों तक हमारी मैसेज में ही बातें होती रहती थी। थोड़े दिन बाद हम दोनों एक दूसरे से मिलने लगे थे मिलते हुए हमें काफी टाइम हो गया था। हम दोनों को एक साथ लगभग एक साल हो गया था। हम दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया था।
एक दिन मैंने अपने घरवालों को सचिन के बारे में बताया और अपने घरवालों को सचिन से मिलने के लिए कहा। मेरे घरवाले सचिन से मिले और उन्हें सचिन पसंद आ गया था लेकिन अब सचिन के घरवालों को इस बारे में बताना था। हमें डर भी था कि वह क्या बोलेंगे लेकिन सचिन ने हिम्मत करते हुए अपने घरवालों को भी हमारे बारे में सब कुछ बता दिया। वह भी मान चुके थे लेकिन उन्होंने मेरे सामने कुछ शर्ते रखी। वह पहले चाहते थे कि कुछ समय तक मैं सचिन के साथ ही उसके घर पर रहूं और वह भी मुझे समझ सकेंगे क्या आगे चलकर मैं उनका ध्यान रख पाऊंगी या नहीं तो मैंने उन्हें इस बात के लिए हां कह दी।
लेकिन मेरे घरवाले बिल्कुल भी राजी नहीं थे वह यह चाहते थे कि पहले शादी हो जाए उसके बाद तो साथ में रहना ही है। सचिन की मां अपनी बात पर अड़ी हुई थी वह यह चाहती थी कि मैं पहले कुछ दिन उनके घर पर ही रहूं। मैंने उनकी यह बात मान ली और अब मैं कुछ दिनों के लिए सचिन के घर पर ही रहने लगी। उसकी मां लेकिन हम दोनों को रात में एक साथ सोने नहीं देती थी वह हम पर नजरें रखती थी। हम दोनों के रिलेशन को एक साल से ऊपर हो चुका था। हमने सिर्फ अभी तक एक बार किस किया था उसके अलावा हमारे बीच में कोई भी संबंध नहीं था। जब मैं सचिन के घर पर रह रही थी तो मेरा मन होने लगा कि मैं सचिन के साथ सेक्स करूं। मैंने सचिन को इशारों इशारों में वह बात समझा दी कि मुझे भी सेक्स की जरूरत है। वह समझ चुका था और अब उसने मुझसे बोला कि हम कैसे करेंगे इसके लिए तुम मुझे थोड़ा टाइम दो।
एक दिन सचिन की मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई। मैंने उन्हें दवाई दी और उनकी बहुत सेवा की जैसे ही उन्होंने वह दवाई खाई तो उनकी आंख लग गई और वह सो गई। सचिन और मैं मौका देखते हुए दूसरे कमरे में चले गए। वहां सचिन ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया और वह मेरे ऊपर से लेट गया। अब वह मेरे बालों को सहलाने लगा मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह मेरे बालों को सहला रहा था। उसने मेरे होंठों को चूमना शुरू किया और मेरे स्तन को अपने हाथों से दबाता जा रहा था।
ऐसे ही उसने मेरी योनि को भी बड़ी तेज से दबा दिया। सचिन के कपड़े मैंने उतार दिए और उसने भी मेरे कपड़े उतार दिए। हम दोनों अब नंगे हो चुके थे और मुझे सचिन का लंड दिखाई दे रहा था जो बहुत बड़ा और मोटा था। मैं इस बात से खुश हो रही थी कि आज मेरी चूत मे सचिन का लंड जाएगा और मेरी चूत की प्यास को बुझाएगा। मैं बहुत उत्साहित हो रही थी तभी सचिन ने मेरे स्तनों को चाटना शुरु किया और वह मुझे लव बाइट दे रहा था। ऐसे ही उसने बहुत देर तक मुझे लव बाइट दी।
अब सचिन का लंड पूरी तरीके से खड़ा हो चुका था। मैंने तुरंत उसके लंड को अपने हाथों से पकड़ा और अपने मुंह में ले लिया। मैंने बहुत अच्छे से उसके लंड को सकिंग किया। अब सचिन और मैं उत्तेजित हो गए थे उसने थोड़ी देर मेरी योनि को अपनी जीभ से चाटा और अब वह मेरे ऊपर चढ़ गया। उसने धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी योनि में डालने का प्रयास किया लेकिन मेरी योनि बहुत ज्यादा टाइट थी। जिसकी वजह से उसका लंड अंदर नहीं जा रहा था लेकिन उसने बड़ी तेजी से एक धक्का मारा जिससे उसका पूरा लंड अंदर तक चला गया और मेरी खून की पिचकारी उसके लंड से जाकर टकरा गई। उसने अपने लंड से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और वह बहुत देर तक ऐसा ही मुझे चोदता रहा। जिससे कि मेरे अंदर की उत्तेजना भी बढ़ जाती है और उसके लंड और मेरे चूत का मिलन हो रहा था।
अब उसने मेरे होठों को किस करना शुरू किया और मेरे स्तनों को भी बहुत अच्छे से दबा रहा था। उसने काफी देर तक मेरे साथ संभोग किया। संभोग के द्वारा मुझे ऐसा प्रतीत हुआ कि मेरे अंदर से कुछ निकल रहा है जिससे मेरा शरीर कमजोर पड़ रहा है। लेकिन सचिन तो बड़ी ही तीव्र गति से मुझे चोदे जा रहा था और उसने मुझे कस कर अपनी बाहों में दबा लिया। अब उसका वीर्य मेरी चूत के अंदर गिर गया था। यह हम दोनों का पहला ही मौका था और हम दोनों ने बहुत एंजॉय किया। मैंने अपने कपड़े जल्दी से पहने और उसकी मां के रूम में चली गई। मैंने देखा कि वह भी उठ गई है मैंने जल्दी से उनके लिए चाय बनाकर उन्हें दी और वह बहुत खुश हो गई। उसके बाद हम दोनों की शादी तय हो चुकी थी लेकिन मुझे आज भी बहुत याद आता है वह दिन जब हमने पहली बार सेक्स किया था। मेरा सेक्स का पहला अनुभव मेरे लिए एक यादगार पल है।