Kamukta, hindi sex story मैं उम्र के 63 वर्ष में प्रवेश कर चुका था मुझे रिटायर हुए अभी 3 वर्ष ही हुए थे रिटायर होने के बाद मैं अपनी पत्नी हेमा के साथ अपने घर पर कुछ फुर्सत के पल बिताया करता क्योंकि हम दोनों को एक दूसरे के लिए कभी समय ही नहीं मिल पाया। जब मेरी हेमा से शादी हुई थी उस वक्त मेरी उम्र 21 वर्ष थी और हेमा की उम्र 20 वर्ष थी हेमा मुझसे 1 वर्ष छोटी थी। जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद हेमा ने सारी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर ले लिया कई बार वह मेरी मां की डांट भी खाया करती थी। उस वक्त हेमा समझदार ना थी और कहीं ना कहीं उसके अंदर बचपना तो था ही हेमा मुझे हमेशा कहती की आप घर का कितना ख्याल रखते हैं। घर में मैं ही एकलौता था इसलिए सारा दारोमदार मेरे ऊपर ही था मेरे पिताजी की मृत्यु बहुत ही जल्द हो गई थी।
उस वक्त मेरी उम्र महज 10 वर्ष की थी लेकिन उनकी मृत्यु के बाद मेरी मां ने हीं मेरी परवरिश की और मैं एक पुलिस अधिकारी बन गया यह सब मेरी मां की वजह से ही हो पाया था। हम लोग उस वक्त गांव में ही रहते थे लेकिन अब गांव के मकान को छोड़ हम लोग शहर में रहने के लिए आ गए थे शहर की चकाचौंध भरी जिंदगी मुझे तो बिल्कुल रास नहीं आती थी लेकिन फिर भी मुझे काम तो करना ही था। घर की सारी जिम्मेदारियां हेमा ने अपने ऊपर ले रखी थी घर में कुछ भी होता तो सबसे पहले हेमा मुझे बताती। एक दिन मैंने हेमा से कहा हेमा तुम घर का इतना सारा काम कैसे कर लेती हो हेमा कहने लगी इसके लिए मैंने अपनी मां से ट्रेनिंग ली हुई है हेमा की बात से मैं लगा हंसने लगा मुझे बहुत हंसी भी आई। कुछ समय बाद हमारे घर में बच्चे की किलकारियां गूंजने लगी हमारे घर में लड़का हुआ था इसलिए मेरी मां भी खुश थी और सब लोग बहुत ही खुश थे। मैंने उसका नाम सुधीर रखा सुधीर को सब का प्यार मिलता था मेरी मां तो सुधीर को सबसे ज्यादा प्यार किया करती थी। सुधीर दो वर्ष का हो चुका था तब हमारा छोटा लड़का अंकित भी हुआ हमारे 4 बच्चे हुए हम लोगों ने उनकी परवरिश बहुत अच्छे से की। मुझे इस बात की खुशी है कि हमारे चारों बच्चे अपने जीवन में अच्छे मुकाम पर हैं और कहीं ना कहीं इसकी वजह सिर्फ हेमा ही है हेमा ने मेरा बहुत साथ दिया।
हेमा और मै घर में अकेले रह गए थे मेरी मां का भी देहांत हो चुका था और मैं अपनी नौकरी के चलते मां को ज्यादा समय नहीं दे पाया था परंतु हेमा ने बच्चों की परवरिश में कभी कोई कमी नहीं रहने दी। हेमा ने बच्चों को हमेशा एक अच्छी शिक्षा और उनके रहन-सहन पर बड़ा ध्यान दिया आज मेरे चारों बच्चे हमसे अलग रहते हैं लेकिन उसके बावजूद भी मुझे बहुत खुशी है। हमारे घर पर किसी भी चीज की कमी नहीं है हमारा परिवार पूरी तरीके से संपन्न है हमारे जितने भी रिश्तेदार हमें मिलने के लिए आते हैं वह सब यही कहते हैं कि हरीश तुमने अपने जीवन में बहुत मेहनत की है और यह सब तुम्हारी ही बदौलत हो पाया है। मेरा और हेमा का गठजोड़ अच्छे से ना हो पाता तो शायद हमारे परिवार की बुनियाद कब की हिल चुकी होती लेकिन हमने सारी कठिनाइयों को झेलने के बाद अपने बच्चों को अच्छी परवरिश दी और इसी का नतीजा यह है कि वह लोग आज अच्छे मुकाम पर हैं। मेरा भी सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है कि मेरे बच्चे हमेशा मुझसे प्यार करते हैं और अपनी मां के बारे में भी बहुत सोचते हैं लेकिन वह हमसे दूर हैं। एक दिन मैंने हेमा से कहा मैं पड़ोस में हो आता हूं मैं उस दिन पड़ोस में अपने दोस्त के घर पर चला गया और वहां पर मैं काफी देर तक बैठा रहा काफी समय बाद उससे मेरी मुलाकात हो रही थी। मैं ज्यादा अपने घर से बाहर नहीं निकलता था इसलिए मेरी मुलाकात किसी से हो नहीं पाती थी। जब मैं गया तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था काफी समय बाद अपने पुराने मित्र से मिलना एक सुखद एहसास था परंतु उससे भी सुखद एहसास तब हुआ जब मैं घर पर गया। मैंने देखा मेरे चारों बच्चे और उनकी पत्नियां आई हुई है बच्चों ने घर को खेल का मैदान बना रखा था इतने समय बाद घर बच्चों की आवाज से गूंज उठा था और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था क्योंकि बीते समय बाद मेरा परिवार घर में एक साथ था। यह सब मेरी पत्नी हेमा की वजह से ही संभव हो पाया था क्योंकि हेमा ने ही चारों बच्चों को फोन करके घर आने के लिए कहा था मुझे यह बात तो तब पता चली जब मुझे यह सुधीश ने बताया।
सुधीर कहने लगा पापा मम्मी ने हीं हमें कहा था कि तुम्हारे पापा को तुम्हारी बड़ी याद आ रही है तो हम लोगों ने सोचा कि हम आप से मिल आते हैं वैसे भी काफी समय हो चुका था जब आप लोगों से हम मिल नहीं पाए थे। घर में बहुत खुशी का माहौल था और मैं तो अपने नाती पोतों के साथ खेल रहा था उनके साथ मुझे खेलना बहुत अच्छा लगता ऐसा लगता जैसे कि मैं अपने पुराने बचपन के दौर में लौट चुका हूं। उस वक्त मेरे साथ कोई भी खेलने के लिए नहीं होता था लेकिन फिर भी मैं अकेले ही अपने मां के साथ बैठा रहता था उन्हीं के साथ मैं समय बिताया करता। जब मेरे बच्चे और उनकी पत्नियां जाने वाली थी तो मुझे बहुत बुरा महसूस हो रहा था मैंने जब हेमा से कहा कि इतने दिनों से बच्चे हमारे साथ ही थे तो उनके साथ कितना अच्छा लग रहा था लेकिन अब वह लोग जाने वाले हैं तो मुझे बहुत ही बुरा महसूस हो रहा है। हेमा कहने लगी जब तुम अपने काम पर चले जाते थे तो मुझे भी ऐसा ही महसूस होता था मैं आपको बहुत याद किया करती थी लेकिन अब आपको एहसास हो रहा होगा कि बच्चों के जाने के बाद कितना अकेलापन महसूस होता है।
अब हम दोनों ही घर पर रह गए थे हम दोनों एक-दूसरे का पूरी तरीके से ख्याल रखा करते जब हेमा को कोई तकलीफ होती तो मैं उसे तुरंत अस्पताल लेकर चला जाया करता था। एक दिन मेरे पुराने मित्र घर पर आए हुए थे और वह हमसे बात कर रहे थे हम लोग अपने जीवन में बीते हुए पुराने दिनों को याद कर रहे थे उनसे बात करना मुझे अच्छा लगा काफी समय बाद मेरी उनसे मुलाकात हो रही थी क्योंकि अब वह भी घर से बाहर नहीं जाते हैं। वह मुझे कहने लगे कि हरीश मैं काफी दिनों से सोच रहा था कि तुमसे मिलने के लिए आऊं लेकिन मैं तुमसे मिलने के लिए आ ही नहीं पाया परंतु आज मैंने फैसला कर लिया था कि मैं तुमसे मिलने घर पर ही जाऊंगा। हम लोग आपस में बात कर रहे थे तभी मेरी पत्नी है आई और कहने लगी आप लोग क्या बात कर रहे हैं हम लोग अपने पुराने दिनों की बात कर रहे थे। वह मुझे कहने लगे आज भी पुराने दीन याद आते है वह चूत मारने के शौकिन थे। उन्होने जब मुझे एक हुस्न से लबरेज लडकी की फोटो दिखाई तो मजा आ गया मैंने पूछा इसका नाम क्या है तो वह कहने लगे इसका नाम कमला है। मैंने उन्हें कहा आप मुझे भी कमला के हुस्न को भोगने का मौका दिलवाइए। वह कहने लगे कैसी बात कर रहे हो यार क्यों नहीं आखिर हमारी इतनी पुरानी दोस्ती जो है मैं अभी कमला को फोन किए देता हूं और उसे कह देता हूं कि वह तुमसे मिलने के लिए आ जाए। तुम बस उसके रूप के अनुसार उसे पैसे दे देना। मैंने कहा क्यों नहीं मैं जरूर उसे पैसे दे दूंगा और मुझे मेरे दोस्त ने कमला का नंबर दे दिया था। मुझे जब कमला का नंबर मिला तो मुझे उससे बात करने में अच्छा लग रहा था काफी दिनों तक तो हम लोग आपस में बात करते रहे लेकिन जब मुझे मौका मिला तो मैंने एक दिन कमला को घर पर बुला लिया।
एक दिन हेमा सब्जी लेने के लिए गई हुई थी और हेमा ने कहा था कि मुझे आने में थोड़ा देर हो जाएगी आप अपना ध्यान रख लीजिएगा। मैं कमला का इंतजार कर रहा था जब कमला मेरे पास आई तो उसने जो साड़ी पहनी हुई थी उसमें वह बड़ी सुंदर लग रही थी उसके स्तन बाहर की तरफ को झांक रहे थे और साफ प्रतीत होता कि कमला मेरी इच्छा को पूरी कर कर ही रहेगी। मैं भी कमला के साथ संभोग करने के लिए पूरी तैयारी में था मैंने ताकत बढ़ाने वाली गोली का भी इस्तेमाल कर लिया था ताकि कमला को ऐसा न लगे कि कहीं मैं बूढ़ा हो चुका हूं। मैंने अपने बालों पर काले रंग से डाई भी कर ली थी जिससे कि मैं जवान प्रतीत हो रहा था। जब कमला को मैं अपने बेडरूम में लेकर गया तो मैंने कमला को बिस्तर पर बैठने के लिए कहा कमला पहले से ही सब कुछ जानती थी इसलिए मैंने कमला को पैसे दिए। उसने वह पैसे अपनी ब्रा के अंदर रख लिए मैंने जब कमला की जांघ को सहलाना शुरू किया तो वह मचलने लगी और मुझे कहने लगी बाबू साहब आप अपने लंड को मेरी योनि में डाल दीजिए।
मैंने उसे कहा नहीं पहले कुछ देर मुझे तुम्हें महसूस करने का मौका तो दो। मैंने कमला को ऊपर से लेकर नीचे तक चाटा मैने कमला की योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो कमला पूरी तरीके से जोश मे आ गई। मैने कमला के दोनों पैरों को चौड़ा कर के उसे बड़ी तेज गति से धक्के देने शुरू कर दिए थे। कमला की योनि से पानी बाहर की तरफ निकल रहा था उसकी योनि की चिकनाई में भी बढ़ोतरी होती जा रही थी। उसकी योनि इतनी ज्यादा चिकनी हो चुकी थी कि मैं उसकी योनि को ज्यादा देर तक महसूस नहीं कर पाया और करीब 2 मिनट बाद मेरा वीर्य बाहर निकालने लगा था। मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था मेरा वीर्य बाहर की तरफ गिरने वाला है मैंने कमला से कहा तो कमला कहने लगी आप अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर गिरा दो। मैंने भी अपने लंड को कमला की चूत से बाहर निकाल कर उसके मुंह पर सटा दिया और जैसे ही मैंने कमला के मुंह के अंदर अपने वीर्य की पिचकारी मारी तो उसने सब अपने अंदर ही निगल लिया। मैंने उसे दोबारा से पैसे देते हुए कहा मैं तुम्हें दोबारा बुलाऊंगा।