वो रात और मोना का साथ

Antarvasna, hindi sex stories सुबह के करीब  5 बज रहे थे एकाएक लैंडलाइन की फोन की घंटी बजने लगी हालांकि आज के समय में लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कम हो चुका था क्योंकि जब से मोबाइल ने फोन की जगह ली है तब से पुराने लैंडलाइन फोन अब एक कोने में ही पड़े रहते हैं लेकिन मैंने अभी तक उसका कनेक्शन नहीं कटवाया है। जब वह फोन बजा तो मेरी नींद एकदम से खुल गई मैं रात के 12:00 बजे के आसपास ही सोया था मेरी नींद खुली। मैं फोन की तरफ बढा फोन दूसरे कमरे में था मैंने फोन को उठाया तो सामने से मेरे छोटे भाई संजय था। संजय को घर में सब लोग गोलू कह कर बुलाते हैं संजय मुझे कहने लगा भैया मैंने आपको सुबह के समय डिस्टर्ब किया उसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं।

मैंने गोलू से कहा तुम किस बात की माफी मुझसे मांग रहे हो तुम यह बताओ कि तुमने मुझे फोन क्यों किया है। वह मुझे कहने लगा भैया मेरी कुछ देर बाद यहां से फ्लाइट है तो सोचा आपको फोन कर के बता दूं। मैंने गोलू से कहा तो क्या तुम घर आ रहे हो गोलू कहने लगा हां भैया मैं घर आ रहा हूं काफी समय हो गया जब आपसे और भाभी से मुलाकात नहीं हुई है। मैने गोलू से कहा ठीक है तुम जब पहुंचे तो मुझे फोन करना और यह कहते हुए मैंने फोन रख दिया। मैं जब अपने बेडरूम मैं गया तो मेरी पत्नी अनीता भी उठ चुकी थी अनीता मुझे कहने लगी इतनी सुबह किसका फोन था? वह मुझसे सुबह के वक्त ऐसे सवाल कर रही थी जैसे कि वह कोई जासूस हो मैंने उसे कहा अनीता गोलू का फोन था। गोलू कह रहा था कि वह आज घर के लिए निकल रहा है मैंने जब अनीता को यह बात बताई तो वह कहने लगी अच्छा तो गोलू घर आ रहा है चलिए बहुत अच्छी बात है। अब मुझे नींद नहीं आ रही थी और ना ही अनीता को नींद आ रही थी हम दोनों ही उठ गए। अनीता कहने लगी मैं आपके लिए चाय बना देती हूं मैंने अनीता से कहा नहीं रहने दो अभी मेरा मन चाय पीने का नहीं हो रहा है। मैं सुबह जल्दी उठ चुका था तो मैंने सोचा मैं अपने घर के पास के पार्क में टहल आता हूं तो मैं वहां से अपने घर के पास के ही पार्क में टहलने के लिए चला गया। जब मैं वहां पर टहलने के लिए गया तो सुबह मैंने देखा काफी ज्यादा भीड़ थी क्योंकि मैं बिल्कुल भी अपनी सेहत के प्रति कभी भी नहीं सोचता।

मैंने जब वहां पर कुछ लोगों की टोली को देखा तो मुझे लगा यह लोग अपनी सेहत के प्रति कितना ज्यादा सचेत हैं मैं वहां से घर लौटा तो अनीता ने मेरे लिए चाय बना दी और कहने लगी आप इतनी देर से पार्क में क्या कर रहे थे। मैंने उसे कहा बस ऐसे ही पार्क में टहल रहा था। मैंने अनीता से कहा जरा देखना कितना टाइम हो रहा है? अनीता उठकर बाहर रूम में गई तो उसने मुझे कहा अभी तो 8:00 ही बजे हैं। मैंने अनीता से कहा ठीक है मैं नहा लेता हूं तुम मेरे लिए नाश्ता बना देना मुझे बैंक के लिए भी निकलना है। मेरे घर से मेरे बैंक की दूरी करीब 5 किलोमीटर है इसलिए मुझे वहां पहुंचने में 15 मिनट लग जाते हैं। मैं नहाने के लिए चला गया और करीब 15 मिनट बाद में बाथरूम से बाहर निकला अनीता मुझे कहने लगी आप तैयार हो जाइए मैं आपके लिए नाश्ता बना रही हूं बस थोड़ी देर में आपके लिए मैं नाश्ता तैयार कर देती हूं। उसने नाश्ता तैयार कर दिया था मैं नाश्ता कर ही रहा था कि अनीता मुझे कहने लगी शाम को आते वक्त दीदी के घर से मेरे डॉक्यूमेंट ले आना। मैंने कहा ठीक है मैं शाम को आते वक्त उनके घर से तुम्हारे डॉक्यूमेंट ले आऊंगा क्योंकि अनीता ने कुछ समय पहले इंटरव्यू दिया था और उसके डॉक्यूमेंट उस दिन उसकी दीदी के घर पर ही रह गए थे। मैंने अनीता से कहा अभी मै चलता हूं अनीता ने मुझे टिफिन पैक कर के दिया और मैं वहां से अपने बैंक के लिए निकल पड़ा। मैंने अपनी मोटरसाइकिल स्टार्ट की मैं करीब 15 मिनट बाद अपने बैंक पहुंच गया मैं जैसे ही बैंक पहुंचा तो मैनेजर साहब भी बैंक आ चुके थे वह बैंक सबसे पहले आते थे। वह मुझे कहने लगे अरे महेश जी आज आप जल्दी आ गए? मैंने उन्हें कहा हां सर। जब हम लोग बैंक पहुंचे तो हमारे बैंक का स्टाफ भी थोड़ी देर में पहुंच चुका था। उस दिन मे शाम के वक्त घर लौट रहा था तो मुझे ध्यान आया कि मुझे अनीता कि बहन के यहां से उसके डॉक्यूमेंट भी लेकर जाने है।

मैंने उसकी बहन को फोन कर दिया था और उनसे मैंने डॉक्यूमेंट ले लिए मैं घर पहुंचा तो मुझे अनीता कहने लगी गोलू का फोन मुझे आया था वह कह रहा था कि मैं कुछ देर बाद घर आ जाऊंगा। मैंने अनीता से कहा तो तुमने मुझे क्यों नहीं बताया यदि तुम मुझे बता देती तो मैं उसे लेने के लिए एयरपोर्ट चला जाता। अनीता कहने लगी मैंने भी गोलू से कहा था लेकिन उसने कहा कोई बात नहीं मैं आ जाऊंगा। हम दोनों बात कर ही रहे थे गोलू भी पहुंच गया मैंने गोलू से कहा तुमने मुझे फोन कर दिया होता तो मैं तुम्हें लेने आ जाता। गोलू कहने लगा भैया कोई बात नहीं मैंने वहा से टैक्सी बुक कर ली थी और मैं घर चला आया।  गोलू और मैं एक दूसरे से बात करने लगे तभी अनीता आई और कहने लगी दोनों भाइयों के बीच में क्या बात हो रही है? गोलू ने कहा बस भाभी ऐसे ही एक दूसरे के हाल-चाल पूछ रहे थे अनीता भी हम दोनों के साथ बैठ गई और बात करने लगी। मैंने गोलू से पूछा तुम्हारी पढ़ाई तो ठीक चल रही है? गोलू कहने लगा हां भैया मेरी पढ़ाई ठीक चल रही है और मैं पढ़ाई के बाद वही जॉब करना चाहता हूं। मैंने गोलू से कहा तुम्हें जैसे ठीक लगता है। गोलू कहने लगा भैया मन तो काफी होता है कि आप लोगों के साथ रहूं लेकिन वहां पर मेरी लाइफ सिक्योर है और मैं आगे अपने भविष्य को और अच्छा बना सकता हूं। मैंने गोलू से कहा देखो गोलू मम्मी पापा भी यही चाहते थे कि तुम पढ लिखा कर अच्छी नौकरी करो और इसी वजह से उन्होंने तुम्हें वहां पढ़ने के लिए भेजा था। गोलू की आंखें नम हो गई क्योंकि माता पिता का जिक्र आते ही वह भावुक हो गया था।

मैंने गोलू से कहा अब तुम चिंता मत करो। अब सब कुछ सामान्य हो चुका था मेरे माता पिता की मृत्यु बहुत जल्दी हो गई जिससे कि मेरे ऊपर ही सारी जिम्मेदारी थी लेकिन मैंने गोलू को कभी भी इस बात का आभास नहीं होने दिया कि मैं कितने ज्यादा समस्या में था उसके बावजूद भी मैंने उसकी पढ़ाई का पूरा खर्चा उठाया। मैंने उसकी पढ़ाई के लिए कभी कोई कमी नहीं होने दी और आज मुझे इस बात की खुशी है कि गोलू पढ़ लिख कर अब अपने पैरों पर खड़े होने जा रहा है। गोलू कुछ दिन घर पर ही रुकने वाला था लेकिन मैंने जो देखा उससे मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। मैं बैंक से जल्दी चला आया मेरे आने की आवाज शायद मेरी पत्नी अनीता को नहीं सुनाई दी। मैंने अपने बेडरूम में देखा अनीता गोलू के लंड के ऊपर बैठी हुई थी गोलू उसे उठा उठा कर चोद रहा था। यह सब देखकर मेरा दिल बुरी तरीके से टूट चुका था मैं बहुत ज्यादा हताश और निराश हो गया। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था यह बात मैं किसी को बता भी नहीं सकता था ना तो मैं अपनी पत्नी अनीता को इसमें दोषी ठहरा सकता था और ना ही अपने भाई गोलू को कुछ कह सकता था। मेरे पास अब कोई अपना नहीं था लेकिन इसी दौरान मुझे एक दिन एक जुगाड़ के साथ रात बिताने का मौका मिला हालांकि वह कहने को तो जुगाड़ थी लेकिन उसने मेरे दिल के जख्म को भरा।

उससे मुझे लगा कि वह मेरी पत्नी से भी बढ़कर है उसका नाम मोना है। मोना का नंबर मैंने एस्कॉर्ट सर्विस एजेंसी से लिया और उसे उस रात मैंने बुलाया वह मेरे पास आई तो हम दोनों साथ में बैठे हुए थे। ना जाने उसे मेरे चेहरे को देखकर ऐसा क्या लगा कि उसने मुझे अपनी सारी दुख और तकलीफ बयां कर दी उसने मुझे बताया कि वह कैसे इस रास्ते पर चली और उसके बाद उसने मुझे यह कहा कि वह मुझे खुश कर देगी। उसने जब मेरे मोटे लंड को अपने हाथों से हिलाया तो मेरे अंदर जोश जागने लगा और जब उसने मेरे सामने अपने कपड़े उतारे तो मैं बिल्कुल भी रह ना सका। उसकी गांड को मैं अपने हाथ से दबाने लगा मैंने जब उसके स्तनों को दबाया तो वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी और मैं भी उत्तेजित हो गया। मैंने जैसे ही अपने लंड को तेल लगाकर मोना की चूत में डाला तो मोना के मुंह से आह आह आह ऊह ऊह की मादक आवाज निकली। वह मुझे कहने लगी बस तुम्हारा लंड घुस गया मेरा लंड पूरा अंदर तक जा चुका था। जब मेरा लंड मोना की योनि की दीवार से टकराने लगा तो उसके अंदर का जोश और भी बढ़ने लगा उसके बदन की गर्मी धीरे-धीरे बढ़ती चली जा रही थी वह मेरा साथ अच्छे से देने लगी।

मैं उसे बड़ी तेजी से धक्के मारता तो वह भी मेरा भरपूर साथ देती काफी देर तक मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर बाहर किया और अपने वीर्य को उसके स्तनों पर भी गिराया। वह तो सेक्स की पूरी पाठशाला थी मैंने जब अपने लंड पर तेल लगाकर उसकी चिकनी और मोटी गांड के अंदर अपने लंड को प्रवेश करवाया तो मेरा लंड उसकी गांड के अंदर तक जा चुका था और उसके मुंह से चीख निकल गई। वह कहने लगी तुम्हारा लंड तो बड़ा ही मजेदार और मोटा है मैं उसे बड़ी तेज गति से पेला वह मुझे कहते मुझे बड़ा आनंद आ रहा है। यह सिलसिला काफी देर तक चलता रहा मैंने उसकी गांड करीब 3 मिनट तक मारी। मुझे अब भी उसकी गांड उतनी ही टाइट लग रही थी जीतने की लंड डालते वक्त थी। मुझे अब एहसास होने लगा कि मैं ज्यादा देर तक नहीं झेल पाऊंगा जैसे ही मेरा वीर्य पतन उसकी गांड में हुआ तो उसकी गांड मेरे वीर्य से लथपथ हो चुकी थी।

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